How to Create a Company with Small Investment? छोटे निवेश वाली कंपनी कैसे बनाएं?– [Hindi] TechTalkSandeep.
Introduction
बिज़नेस शुरू करने के लिए सब से ज़रूरी है Capital या Investment. अक्सर Financial Mismanagement के चलते कई अच्छे आइडियाज़ भी फ़ैल हो जाते हैं और सब कुछ ज़ीरो हो जाता है. इसीलिए आज TechTalkSandeep आप को बताएगा कि - कैसे आप अपनी कंपनी को कम इन्वेस्टमेंट से शुरू कर सकते हैं. इसीलिए इस blog को पूरा जरुर पढ़े.
How to Create a Company with Small Investment? छोटे निवेश वाली कंपनी कैसे बनाएं?
कम कैपिटल के साथ कंपनी बनाने से पहले हमारे मन में कई तरह के सवाल आते हैं
जैसे कि कंपनी कैसे बनाई जाती है
नई कंपनी कैसे बनाई जाती है
कंपनी कैसे शुरू करें
अपना कंपनी कैसे बनाएं
छोटी कंपनी बनाने का तरीका
छोटा व्यवसाय कैसे शुरू करें
छोटा उद्योग कैसे शुरू करें
लेकिन अगर आप इस ब्लॉग को पुरा पढ़ते हैं तो यह सारा कंफ्यूजन दूर होने वाली है।
अपने तरीके से जिंदगी जीनी है तो बिजनेस कीजिए। पैसा भी बहुत होता है और ठाट बाट से से आप अपने टर्म्स एंड कंडीशन की जिंदगी जी सकते हैं। ऐसी बातें लोगों को अपने कहते हुए सुना होगा। इसीलिए लोग आजकल खुद का बिजनेस करने में स्टार्टअप शुरू करना और अपने बिजनेस में या अपनी खुद की कंपनी शुरू करने में इंटरेस्टेड है। यूट्यूब और इंटरनेट पर सक्सेसफुल एंटरप्रेन्योर के मोटिवेशनल वीडियोस देखे जा रहे हैं। लोग लेटेस्ट आइडिया ढूंढ रहे हैं और कंपनी शुरू करने के लिए जरूरी पेपर वर्क की जानकारी ले रहे हैं। इंडिया में स्टार्टअप्स का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है। स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न भी बन गए हैं। लेकिन बिजनेस शुरू करने का सबसे जरूरी है कैपिटल या इन्वेस्टमेंट। अक्सर Financial Mismanagement के चलते कई अच्छे आइडियाज़ भी फ़ैल हो जाते है। और सब कुछ जीरो हो जाता है।
कम इन्वेस्टमेंट वाली कंपनी कैसे बनाएं?
इसलिए आज इस ब्लॉग में आपको बताने वाले हैं कि कैसे आप अपनी कंपनी को कम इन्वेस्टमेंट के साथ शुरू कर सकते हैं। आपका बिजनेस आइडिया कैसा भी हो, चाहे किसी भी सेक्टर से क्यों ना जुड़ा हो। एक कंपनी शुरू करने के लिए तो सबसे जरूरी चीजें हैं।
कंपनी शुरू करने से पहले जरूरी बातें।
पहले वह जान लेते हैं। कंपनी रजिस्ट्रेशन इन कंपनी शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको अपनी कंपनी को रजिस्टर करवाना होगा।
सोल प्रोपराइटरशिप वन पर्सन कंपनी पार्टनरशिप फॉर्म प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है। सर सारे ऑप्शन है जिनमें से आपको यह पाटन चुन सकते हैं।
कंपनी रजिस्टर करवाने के लिए आपको कंपनी का एक यूनिक नाम रखना पड़ता है और कंपनी किस सेक्टर में काम करेगी?
उसके लिए अलग-अलग लाइसेंस की जरूरत पड़ती है।
कंपनी कैसे रजिस्टर करनी है और एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर आपको TechTalkSandeep पर ब्लॉग मिल जाएंगे। स्टेशन का काम सीए से करवाना बेहतर होगा। इससे आपको दुनिया भर के गवर्मेंट ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और कहां कौन सा काम होता है, करवाना है। इन बातों का झंझट ही नहीं लेना पड़ेगा।
अपनी कंपनी का लोगो कैसे बनाएं।
बाकी कंपनी के लोगों की बात करें तो कंपनी बनवाने पर आपको अपनी कंपनी का लोगो(logo) चाहिए होगा। इसके लिए किसी प्रोफेशनल डिज़ाइनर पर पैसे खर्च नहीं करनी है।
फ्री में ऑनलाइन भी अपना लोगो बनवा सकते हैं। इंटरनेट पर अगर आप सर्च करेंगे।
फ्री ऑनलाइन लोगो मेकर तो आपको कई ऐसी वेबसाइट मिल जाएगी
जहां पर आप अपनी कंपनी के लिए लोगों बनवा सकते हैं।
यहां पर कंपनी के नाम की निश्चित कर के पूरा नाम देकर
आप कंपनी से जुड़ी डिटेल दे कर भी आप लोगों बनवा सकते हैं,
उन्हें हाई क्वालिटी में डाउनलोड करें और हां जहां यूज करना है,
वहां पर कीजिए। बाद में बढ़ते बिजनेस के साथ अगर जरूरत पड़ती है तो आप लोगों को चेंज भी करवा सकते हैं।
अपने कंपनी के लिए बिजनेस ऑफिस सेट अप कैसे करें।
जहां तक बात है ऑफिस की तो कई बार लोग जब अपना नया बिजनेस शुरू करते हैं तो ऑफिस बनवाने के लिए काफी सारा पैसा खर्च कर देते हैं। शुरुआत में ऐसा करने से बचा जा सकता है जितना ऑफिस स्पेस की जरूरत है। उतना कहीं कम किराए पर मिल जाए तो बहुत अच्छी बात है। नहीं तो बहुत सारे ऐसे भी लोग हैं जो अपने घर पर या किसी दोस्त के घर पर ही पूरा ऑफिस सेटअप लगा लेते हैं और बिजनेस वहीं से चलाते हैं जब तक की बिजनेस स्टेबिलिटी नहीं हो जाता। अननेसेसरी डेकोरेशन थिंग्स शॉप, महंगी, फर्नीचर और महंगे सिस्टम खरीदने से भी बचा जा सकता है।
छोटे बिजनेस के लिए एंप्लॉय कहां से लाएं।
अब बारी आती है। अपना कंपनी के चलाने के लिए एंप्लॉय की जरूरत पड़ेगी और इससे लिए लोगों की जरूरत तो पड़ती ही है, लेकिन जवाब एंप्लॉय लेंगे तो ने सैलरी भी देनी पड़ेगी। इसलिए आपको अपना वर्क लोड कैलकुलेट करना पड़ेगा कि सारा काम करने के लिए कितने लोगों की जरूरत पड़ने वाली है और क्या एक आदमी एक से ज्यादा प्रोफाइल वाला काम हैंडल कर सकता है।
अगर कोई अकाउंटेंट रख रहे हैं तो उससे एडमिन का काम भी करवाइए। कंपनी के ओनर फाउंडर के तौर पर एचआर का काम आप खुद भी कर सकते हैं। इसी तरह शुरुआत में हर उस प्रोफाइल को चेक कीजिए जो काम कोई और। करता है। या नहीं अगर इंटर्नशिप पर आपको अच्छे कैंडिडेट मिल रहे हैं तो उन्हें हायर कीजिए। एंपलॉयर्स हायर करने से पहले कंपनी की पॉलिसी उन्हें समझा दीजिए ताकि बाद में कोई कंफ्यूजन पैदा ना हो जैसे की आपकी कंपनी घर,मोबाइल बिल्स, हेल्थ इंश्योरेंस मेडिकल और फ्यूल का खर्चा नहीं तो हायरिंग प्रोसेस के दौरान ही समझा दीजिए।
छोटे बिजनेस को एडवर्टाइज कैसे करें
अब एडवर्टाइजमेंट की बात करें तो अगर आपके पास एक डाइट बजट है तो आप मार्केटिंग और एडवरटाइजमेंट पर खर्चा ना करें क्योंकि शुरुआत में आपको पैसे बचाने की जरूरत पड़ेगी। और आप सही जगह पर पैसे खर्च करेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा। कोशिश करें कि आपकी लोकेलिटी में कोई अखबार या ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल है
तो वह की न्यूज़ कवर करें या आपका इंटरव्यू ले कंपनी की ओपनिंग। पर बहुत सारा पैसा खर्च होता है।
जैसे की किसी स्पेशल गेस्ट को बुलाना लोगों को इनविटेशन देना,
उन्हें जैसल के तौर पर गिफ्ट देना,
प्रेस कॉन्फ्रेंस करना
ओपनिंग पार्टी रखना
ऐसी कई सारी चीजों को जितना वाइट करेंगे उतना बेहतर होगा। आगे चलकर आपकी कंपनी की ग्रोथ होने लगी और अब प्राउडली कह सके कि आपका प्रशंसक प्रॉफिट में है तो सच-सच पार्टी जरूर रख सकते हैं और
इसी के साथ बात करते हैं। मैनेजमेंट की कई बार आप न्यूज़ पेपर में पढ़ते हैं। सुनते होंगे कि "अंबानी ने इस साल जीरो सैलरी पर काम किया।" "एलोन मस्क ने अपनी सैलरी कम कर दी है।" इस सभी फाइनेंसियल मैनेजमेंट का हिस्सा है और ए गुड प्रैक्टिस भी अब आप सोचेंगे कि वह तो खुद! कंपनी के मालिक हैं। उन्हें सैलरी की क्या जरूरत है पर है तो वह कंपनी के एंप्लॉय ही कंपनी के बारिश मैन टीम का हिस्सा बनकर आप और बाकी मेंबर्स की अपनी सैलरी कम रख सकते हैं क्योंकि कई बार फाउंडिंग मेंबर शिया बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स प्रॉफिट शेयरिंग बेसिस पर कंपनी में हिस्सेदार होते हैं। कई बार कंपनी अपने एंपलॉयर्स को कंपनी ज्वाइन करने पर वेलकम के देती है। उन्हें ट्रिक देने के लिए प्लीज कृपया हॉलीडे ऑफर करती हैं। ऐसी चीजों को भी शुरुआती टाइम में ना रखकर फ्यूचर प्लानिंग में रखा जा सकता है।
इसके अलावा भी आजकल लोगों के पास खुद के लैपटॉप होते हैं। इसलिए फाइनेंसर ऑफिस को छोड़कर बाकी काम लोगों के पर्सनल सिस्टम से भी करवाए जा सकते हैं। इससे सिस्टम डेस्कटॉप लैपटॉप जैसी चीजों का बजट।
जीरो हो जाएगा। आपको करना है वह है कंपनी के बजट को मैनेज करना इन्वेस्टमेंट जब आप कोई कंपनी रन करते हैं तो आपको सबसे पहले अपना बजट मालूम करना होता है। इसलिए कोई भी एक्टिविटी करने से पहले उसका बजट कैलकुलेट कर लीजिए और उस पर टिके रहिए। किसी चीज की जरूरत नहीं है तो उसे लिस्ट से हटा दीजिए। बारगेन कीजिए और नए ऑप्शंस ढूंढिए जो कम पैसे में आपको मिल रहा है।
आगे से पता लगाएं की अपनी डेडलाइन से आगे रहे। कंपनी चलाएंगे तो इलेक्ट्रिसिटी, इंटरनेट लोन, क्रेडिट कार्ड दिया। रखे के माइंस ऐसी चीजों को टाइम पर पे कीजिए। इससे आप किसी भी तरह की लेट फाइन से बच जाएंगे और आपकी आदत आपको फायदे में रखेगी और अगर यह सारी चीजें याद नहीं रहती है तो मोबाइल पर रिमाइंडर या नोट्स लगा करके रखें ताकि वक्त रहते आप चुका सकें।
बिजनेस के लिए टाइम मैनेजमेंट कैसे करें
तब से वोटिंग किसकी जो है टाइम मैनेजमेंट किसी मैनेजमेंट का हिस्सा बनते हैं तो टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है कि ऑफिस टाइम से ले कर के अपना खुद का डेट लाइन पूरा करना भी होगा। अगर आपकी एंपलॉयर्स देख रहे हैं कि आप खुद ही ऑफिस देर से आ रहे हैं तो आप उन्हें टाइम पर आने को कैसे कह सकते हैं। इसके अलावा भी अगर कोई काम किसी और से कम टाइम में करवाया जा सकता है तो उसे खुद मत कीजिए जिसे आइटीआर। अगर इसकी जानकारी आपको कम है और आप खुद करने बैठेंगे तो ज्यादा टाइम लगेगा। बेहतर होगा कि किसी को कुछ फीस देकर काम करवा लिया जाए। मैनेजमेंट वाली सूजन है। वह आपको टारगेट अचीव करने में सेल्स कॉल पर पहुंचने में एक लाइन फिटिंग में हर कहीं जरूरत पड़ेगी। कहने का मतलब है कि छोटे छोटे काम आपको लोगों को असाइन करने होंगे।
आई नो कि वह काम आप बहुत अच्छे से करते हैं, लेकिन आपके पास टाइम तभी बचा पाएंगे। जब कुछ काम आप लोगों को असाइन करेंगे और उसके लिए आपको ट्रस्ट दिखाना पड़ेगा। लोगों को सिखाना होगा तो बस करके देखिए
फाइनल रिव्यू लॉस प्रॉफिट कैसे पता लगे।
अब बात करते हैं। फाइनैंशल रिव्यू के बारे में कि हर महीने कौटिल्य मंथली अकाउंट्स और सील टीम के साथ फाइनैंशल रिव्यू मीटिंग कीजिए। इससे आपको कंपनी की ग्रोथ से प्रॉफिट इन सब चीजों का पता चलता रहेगा और आप उसी हिसाब से आगे की प्लानिंग कर पाएंगे और टीम को मोटिवेट करते हुए उनका टारगेट भी बड़ा पाएंगे । प्रॉफिट एंड लॉस रिपोर्ट बैलेंस शीट बोर्ड सॉल्यूशन डिस्कस करना भी जरूरी है तो इन सब चीजों को करने के साथ आपको एक और काम करना होगा। यानी कि अपने बिजनेस फंड और पर्सनल फंड को अलग रखें तो बस करने के लिए आपको अपने फ्रेंड्स को सही से इस्तेमाल करना आना चाहिए। अगर आपके पास कुछ पॉइंट है तो उन में कितना आपका पर्सनल है और कितना बिजनेस के लिए है। उसका हिसाब रखना जरूरी है।
अगर आप इन दोनों को एक साथ मिलाकर चलेंगे तो आपको बजट कैलकुलेट करने में अपना पर्सनल फंड मैनेज करने में दिक्कत आएगी। कोशिश करें कि अगर आपको कंपनी में ज्यादा पैसे इन्वेस्ट करना है तो कंपनी की प्रॉफिट में ही लिया जाए ना कि अपनी जेब से क्योंकि हो सकता है कि आपके अपने पर्सनल काम के लिए कंपनी के पैसे खर्च कर दिए और बाद में आप उसे चुका रहे हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखें।
बिजनेस हमेशा ही एडिट फैक्टर काम करता है। यह तो आप जानते ही हैं। मतलब आप कहीं नहीं सकते कि कब क्या हो जाएगा जैसा इसीलिए अपने पास कुछ फंड सेव रखें ताकि मुश्किल में आप उसे यूज कर सके, जिसे अचानक से जब करोना आ गया और लॉकडाउन लगा तब बहुत से ऐसे खर्चे दे देने आपको चुकाना ही पढ़ रहा था। काम वर्क फ्रॉम होम है, पर ऑफिस का किराया देना ही पड़ा और शायद अभी भी लोग दे रहे हैं।
इन्वेस्टर कैसे ढूंढे ।
इसी के साथ आप इन्वेस्टर ढूंढिए। ऐसा होता है की उसके पास पैसे होते हैं पर उन्हें कहां इन्वेस्ट करना है। यह समझ में नहीं आता। ऐसे में अगर आपका बिजनेस ग्रो कर रहा है तो बस उसके लिए कोई इन्वेस्टर ढूंढिए ताकि business को और आगे ले जाया जा सके। इंडिया में ओयो बाईजूस इनशॉर्ट्स मेट्रो जैसे ढेर सारे ऐसे फ्रेंड की जिन्होंने अपनी कंपनी के लिए अरबों रुपए के पार्ट्स और इन्वेस्टर्स उठाए हैं तो यह काम आप भी अपने स्तर पर कर सकते हैं। साथ में अपने बिजनेस के लिए कोई चीज खरीदने से पहले कोई सबसे पहले कई सारे ऑप्शन के कीजिए और उसे यूज करें जो आपको कम पैसे में अपने सुविधा दे रहा है। आपकी आदत ऑफिस कंस्ट्रक्शन ऑफिस मैटेरियल सप्लाई फोन और इंटरनेट कोरियर सर्विस मशीन एंप्लाइज की सैलरी नेगोशिएट करने में और भी ढेर सारी थी। शो मे काम आएगी एंड ऑफ कैलकुलेट करेंगे तो देखेंगे की बूंद बूंद से आपकी शेविंग का घड़ा भर गया है तो बस बाय पर यह ब्लॉग आपको कैसा लगा। कमेंट बॉक्स में लिख करके जरूर बताइएगा।
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