मंगलवार, 24 सितंबर 2024

Home Loan vs Rent कौन है फायदे का सौदा?

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 Home Loan vs Rent कौन है फायदे का सौदा?

Home Loan vs Rent कौन है फायदे का सौदा? Home Loan vs Rent कौन है फायदे का सौदा? Home Loan vs Rent कौन है फायदे का सौदा?


आज के समय में एक मिडिल क्लास के शख्स के लिए लोन लेकर घर या फ्लैट लेना पहले से आसान हो गया है आपके फ्लैट की कुल कीमत का बड़ा हिस्सा तो आपको लोन के जरिए मिल जाता है डाउन पेमेंट का इधर-उधर से थोड़ा जुगाड़ भी हो जाता है ऐसे में अगर आप भी एक मिडिल क्लास फैमिली से हैं और इस उधेड़बुन में है कि लोन लेकर घर या फ्लैट खरीदना कितना सही फैसला है 

तो आइए आज आपको इस पोस्ट में इस गुथी को सुलझाने में मदद करते हैं नमस्कार मैं हूं संदीप और आप पढ़ा रहे हैं techtalksandeep  आप अपने खुद के घर होने के इमोशन को साइड करके इस पोस्ट में दी गई जानकारी और कैलकुलेशन को समझने की कोशिश करना है 

क्योंकि आज हम आपको इस पोस्ट में यह समझाने की कोशिश करेंगे कि लोन लेकर घर या फ्लैट खरीदने से बेहतर किराए के घर में रहना हो सकता है आप एक बार लोन लेते हैं तो लंबे वक्त के लिए ईएमआई में बंद कर रह जाते हैं 

चलिए एक एग्जांपल से समझते हैं कि बेहतर डील क्या है दरअसल देश में अधिकतर मिडिल क्लास फैमिली टू बीएच के फ्लैट खरीदते हैं खासकर मेट्रो शहरों में तो यही ट्रेंड है 2 बीएच के फ्लैट की कीमत शहरों के हिसाब से तय होती है 

अगर दिल्ली एनसीआर का एग्जांपल ले तो यह करीब ₹ लाख में मिल जाते हैं इसके लिए ग्राहक को 15 फ तक अमाउंट डाउन पेमेंटकरना होता है यानी से ₹ 5 लाख मान लीजिए कि डाउन पेमेंट करना होता है इसके साथ ही स्टम ड्यूटी रजिस्ट्रेशन चार्जेस और ब्रोकरेज अलग से लगता है इतना ही नहीं नया घर खरीदने पर अक्सर नए फर्नीचर और डेकोरेशन के सामान भी हम खरीदते हैं जिस पर एक अनुमान के मुताबिक ₹1 लाख तक खर्च कर देते हैं डाउन पेमेंट और इस खर्च को जोड़ दें तो गृह प्रवेश से पहले ही ₹1 लाख तक अलग से खर्च हो जाते हैं करीब ₹ लाख का फ्लैट खरीदने के लिए कोई 5 लाख का डाउन पेमेंट करता है तो बाकी ₹ लाख होम लोन लेता है क्रेडिट स्कोर अच्छा रहने पर मौजूदा समय में 9 फीदी ब्याज दर के हिसाब से आपको होम लोन मिल जाता है 9 फीदी ब्याज के हिसाब से 20 साल के लिए 3 ₹ लाख के होम लोन पर आपको ₹1 490 की ईएमआई बनती है इसके अलावा डाउन पेमेंट और बाकी चीजों पर आपको करीब ₹1 लाख खर्च करने पड़ेंगे 

अब दूसरी सिचुएशन मतलब कि अगर आप वही फ्लैट किराए पर लेते हैं उसे समझ लेते हैं आपको यह फ्लैट आसानी से ₹1 ज महीने पर मिल जाएगा इस तरह देखें तो हर महीने आपके पास सेविंग के लिए ₹1 ज से ज्यादा बच जाएंगे जो कि आप फ्लैट खरीदने पर खर्च करते अब अगर इसी पैसे को अच्छी स्ट्रेटेजी बनाकर इन्वेस्ट किया जाए तो करोड़ों का फंड तैयार हो सकता है

 बेहतर रिटर्न के लिए आज के समय में वैसे भी कई शानदार इंस्ट्रूमेंट्स मौजूद हैं हम बिस तक पर लगातार आपको इसके बारे में बताते भी रहते हैं चलिए आपको कम मेहनत पर ज्यादा रिटर्न देने वाले सबसे अच्छे इंस्ट्रूमेंट एसआईपी के बारे में उदाहरण लेकर बताते हैं एसआईपी पर आपको 10 से 12 फीसद का रिटर्न आसानी से मिल जाएगा 

अगर आप 12 फ रिटर्न वाली एसआईपी में 20 साल के लिए हर महीने ₹1 लगाते हैं तो आपको 20 साल के बाद करीब ₹1 करोड़ 60 लाख मिलेंगे जबकि आपका 20 साल में निवेश होगा करीब 8 लाख ही एसआईपी के मामले में 15 फ रिटर्न भी कोई बड़ी बात नहीं है अगर ऐसी किसी एसआईपी में

आपने पैसे लगाए तो 20 साल के बाद आपके पास करीब 2 करोड़ 42 लाख का फंड तैयार हो जाएगा इसके अलावा हर महीने की ईएमआई के अलावा आपके पास इन्वेस्ट करने के लिए ₹1 लाख की एक मुश्त रकम भी है जो आप डाउन पेमेंट से लेकर कागजी कामों पर पॉकेट से खर्च करने वाले थे 

अगर इस ₹10 लाख को एक मुश्त क हीं निवेश कर देते हैं तो फिर 20 साल बाद यह भी बड़ा अमाउंट बन जाएगा यह निवेश 20 साल में 12 फीदी सालाना के हिसाब से करीब 97 लाख और 15 फी के हिसाब से 1 करोड़ 64 लाख हो जाएगा 

दूसरी ओर अगर आप घर खरीदते हैं तो आपको कर से फ्री होने में 20 साल लगेंगे भारत में रियल स्टेट का रेट सालाना 6 से ठ फी की दर से बढ़ रहा है ऐसे देखें तो आपको जो घर अभी ₹ लाख में मिल रहा है वह आपको 20 साल के बाद 1 करोड़ 20 लाख में मिल जाएगा 

यानी होम लोन लेकर जो फ्लैट आज आप ₹ लाख में खरीदेंगे उसकी कीमत 20 साल के बाद एक अनुमान के मुताबिक 1 करोड़ 20 लाख होगी लेकिन साथ ही पुराने घर की वैल्यू हमेशा घटती भी है 

वहीं किराए पर रहते हुए आप ई के पैसे को निवेश कर करोड़पति बन सकते हैं क्योंकि किराए पर रहकर 20 साल में आप आप करीब 4 करोड़ का फंड जमा कर सकते हैं यह 15 फीदी रिटर्न के हिसाब से है 

अगर आपको 12 फीदी भी रिटर्न मिला तो करीब 20 साल में आपके पास करीब 2 करोड़ 50 लाख से ज्यादा का फंड होगा इस तरह किराए पर रहते हुए 

इन्वेस्ट करना नया घर खरीदने की तुलना में कई गुना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है और 20 साल के बाद निवेश की राशि से आप मौजूदा कीमत पर दो से तीन घर खरीद सकते हैं अगर किराए पर रहकर 20 साल तक निवेश करते हैं तो उसके बाद एक घर खरीदने के अलावा आपके पास बड़ी राशि बच जाएगी एक अनुमान के मुताबिक करीब ₹ करोड़ का फंड आपके अकाउंट में होगा जानकार बताते हैं कि इन्वेस्टमेंट के हिसाब से रियल स्टेट कभी भी होशियारी का फैसला नहीं हो सकता है अपना घर खरीदना इमोशनल फैसला हो सकता है इकोनॉमिकल नहीं इसके अलावा घर खरीदने के बाद लोग एक शहर में बंद कर रह जाते हैं 

करियर में फैसले लेने से पहले घर के बारे में सोचते हैं साथ ही कमाई का बड़ा हिस्सा ईएमआई भरने में चला जाता है जिसे निवेश समय दूसरे ऑप्शंस पर विचार नहीं कर पाते हैं क्योंकि लोन को लेकर 20 साल तक टेंशन में रहते हैं वो साथ ही नौकरी पर संकट आने की स्थिति में भी वित्तीय तौर पर लोग परेशान हो जाते हैं 

इसीलिए नौकरी शुरू करने के साथ ही घर लेने पर जोर नहीं देना चाहिए वहीं अगर किराए पर रहने का विकल्प चुनते हैं तो हर महीने करीब ₹1 ज का किराया देते हैं यहां भी अवधि 20 साल ही मानते हैं 

किराए के घर में रहेंगे तो एचआरए का फायदा भी आपको मिलेगा अगर आप 20 फी के टैक्स ब्रैकेट में है तो आपका इफेक्टिव रेट ₹1 ही रह जाएगा यानी सालाना आपको ₹144000 का किराया चुकाना होगा 

अगर यह किराया 8 फ सालाना की दर से भी बढ़ता है तो आप 20 साल में करीब ₹ लाख किराए में दे देंगे अगर टैक्स शूट नहीं भी मिलता है तो करीब 880 लाख किराए में देंगे इसके बावजूद किराए पर रहने में ही फायदा है अगर रियल स्टेट में ही पैसा लगाना है तो फिर फ्लैट खरीदने से बेहतर होगा कि टियर टू या टियर थ शहरों में लैंड से जुड़ा हुआ 

घर खरीदें अगर लैंड से जुड़ा घर नहीं मिल रहा है तो केवल लैंड खरीद सकते हैं हमेशा से फ्लैट के मुकाबले में लैंड ने बेहतर रिटर्न दिया है इसके अलावा किसी शहर में आप सात से 8 साल तक रहने का प्लान बना लिया तो फिर फ्लैट खरीद सकते हैं क्योंकि तब नो लॉस नो प्रॉफिट वाला समीकरण होगा यही नहीं अगर फ्लैट खरीदते हैं तो सैलरी का अधिकतम 25 फी हिस्सा ही होम लोन की ईएमआई होनी चाहिए 

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