शुक्रवार, 20 जनवरी 2023

इस मन्त्र को बोलते ही भूत भविष्य और वर्तमान सब अपने आप दिखने लगेगा

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इस मन्त्र को बोलते ही भूत भविष्य और वर्तमान सब अपने आप दिखने लगेगा | Shiv Third Eye | Lord Shiva

इस मन्त्र को बोलते ही भूत भविष्य और वर्तमान सब अपने आप दिखने लगेगा


आपने काफी लोगों को ऐसे देखा होगा जो चेहरा देख  कर ही केवल भूत भविष्य और वर्तमान बता देते हैं कि   जैसे कि आपके पिता का क्या नाम है आपके साथ क्या  हुआ था क्या होने वाला है आपका घर कहां पर है क्या   आप जानना चाहते हैं कि आपके मन में सवाल चल रहा  है ऐसी चीजें आपने काफी बार सुनी होंगी और शायद   देखिए भी होंगे तो आपको बता दें कि इसे त्रिकाल  दर्शन सिद्ध कहा जाता है यानि कि जिस व्यक्ति के   पास त्रिकाल दर्शन से अधिक होती है व्यक्ति भूत  भविष्य और वर्तमान का पता लगा सकता है जैसे कि   अगर यह सिद्धि प्राप्त कर लेते हैं तो इस सिद्धि  को प्राप्त करने से जिस भी चेहरे को आप देखेंगे  


उस व्यक्ति की आंखों में देखकर केवल आप यह जान सकते  हैं कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है और किन चीजों   को वह जानना चाहता है किन परेशानियों का उसमें सामना  किया है यहां तक कि त्रिकाल दर्शन सिद्धि से आप यह भी उसकी आंखों से खुद ही पूछ सकते हैं कि उसके पिता  तो क्या नाम है उसकी माता का क्या नाम है और उसका घर   कहां पर है काफी लोग तो आपने खुद भी ऐसी देखेंगे कि  यह भी बताते हैं कि आपकी जेब में क्या रखा है और आप कब पहुंचेंगे और कितने बजे पहुंचेंगे किस कारण की  वजह से यहां पर आए हैं 

तो यह सभी जितनी भी चीजें होती हैं यह केवल त्रिकाल दर्शन सिद्ध से प्राप्त  होती है तो आज के इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि   किस प्रकार त्रिकाल दर्शन सिद्धि प्राप्त की जाती है  और किस प्रकार छोटे-छोटे त्रिकाल दर्शन सिद्धि के जो  प्रयोग होते हैं उनका इस्तेमाल करते हुए भी आप अपने  जीवन में अपने भूत भविष्य और वर्तमान को जान सकते  हैं 

वैसे एक बात और आपको बता दें कि यह जो सिद्ध  होती है यह काफी सारे लोगों में ऑटोमेटिक होती है   यानि कि आपने ऐसे लोग भी अवश्य ही देखे होंगे जो यह  कहते हैं कि ऐसा होने वाला था यह हमें पहले ही पता था कि हमने सपने में देख लिया था तो ऐसे लोगों के  पास ऑटोमेटिक ही त्रिकाल दर्शन सिद्ध होती है लेकिन इसकी इस्तेमाल कैसे करना है 

इन संकेतों को किस  प्रकार समझना है इस बारे में संपूर्ण ज्ञान न हो पाने के कारण वह इस ऑटोमेटिक विधायक का लाभ  नहीं उठा पाते हैं बल्कि काफी लोगों में तो ऐसी भी शक्ति ऑटोमेटिक होती है कि अपने पितरों से अपनी  कुल देवी से अपने कुलदेवता उसे बात भी कर पाते हैं  

 यह भी त्रिकाल दर्शन सिद्धि के ही अंतर्गत आता  है तो आपको बता दें कि किस प्रकार यह प्रयोग कर   सकते हैं और किन-किन चीजों को आपको ध्यान रखना है  कौन-कौन से संकेत आपको फॉलो करने हैं लेकिन उससे पहले भगवान शिव को नमस्कार आप अवश्य कर लें और कमेंट  में ॐ नमः शिवाय लिखते है   


जिससे इसी  प्रकार की खास ब्लॉग आप कुछ समय पर और सबसे पहले मिला करें तो दोस्तों आपको बता दे कि वैसे तो मंत्र  साधनाओं में बहुत सारी ऐसी साधनाएं होती हैं जिनके माध्यम से त्रिकाल दर्शन सिद्धि प्राप्त हो जाती  है 


त्रिकाल का मतलब है

 यानि कि तीनों काल को देख  कि भूत-भविष्य-वर्तमान तीन काल होते हैं जिन्हें  व्यक्ति आसानी से भांप लेता है देख लेता है देखने का मतलब यह नहीं होता है कि उसने आंखें बंद कर ली और  उसे टीवी की तरह बिल्कुल अंदर साफ-साफ दिखाई देने लग जाता है बल्कि ऐसा होता है कि जैसे ही वे आंखें  बंद करता है कोई ना कोई शक्ति उसे सब कुछ बिल्कुल पटती चली जाती है और बस फिर वही चीजें बता देता है

  आपको यह भी बता दें कि जो तीसरा नेत्र होता है वह हर एक इंसान का टीवी की तरह कार्य करता है जैसे आप  खोलकर देखते हैं बिल्कुल उसी प्रकार से तीसरा नेत्र  भी पूरी तरह से सक्षम होता है कि अंदर टीवी की तरह  देख सके आपने खुद भी इस चीज को काफी बार रियलाइज़  खुद किया होगा कि जब आप आंखें बंद करते हैं तो लोगों  के चेहरे आपको बिल्कुल साफ नजर आते हैं या फिर कुछ चीजें आपको ऐसी नजर आती हैं जो बिल्कुल क्लियर टीवी  की तरह पिक्चर की तरह दिखाई देती हैं


 जब की आंखें बंद करने के बाद बिलकुल अंधेरा होना चाहिए लेकिन  काफी लोगों के पास ऐसी सिद्धि ऐसी शक्ति ऑटोमेटिक होती है कि उन्हें टीवी की तरह अंदर ही अंदर दिखाई  देने लग जाता है जबकि अंदर कोई भी आंख नहीं होती है   

तो यह सारा कमाल तीसरे नेत्र का थर्ड आई का होता  है जो कि हर एक इंसान के अंदर मौजूद रहती है काफी   लोगों की थोड़ी-बहुत जागृत रहती है काफी लोगों की  बिल्कुल भी जागृत नहीं रहती है जिन लोगों की बिल्कुल  भी जागृत नहीं रहती है उन्हें आंखें बंद करके घोर अंधेरा काला अंधेरा ही दिखाई देता है क्योंकि उनकी अंदर की आंखें बिल्कुल बंद होती हैं इसीलिए अगर  तरह तक का प्रयोग किया जाए त्राटक प्रैक्टिस किया जाए 

जैसा कि हमने पिछले ब्लॉग में बताया है कि  दीपक जलाकर अगर उसे एक टुक लगाकर देखा जाए और फिर आंखें बंद कर कर उस प्रकाश को पकड़ा जाए तो इससे  भी तीसरा नेत्र जागृत हो जाता है या फिर किसी भी  चीज पर को उजाले की चीज है जैसे सूर्य है चंद्रमा है 

 आप इस पर थोड़ा-थोड़ा तरह ठप करके अपने प्रैक्टिस को बढ़ाकर अपने त्रिनेत्र को जागृत कर सकते हैं त्रिकाल  दर्शन के लिए यह जाए होना बेहद आवश्यक होता है

 इसीलिए भगवान शिव के जो साधक होते हैं उनका तीसरा नेत्र  अपने आप ही जागृत होता है भगवान शिव के जो परम शुद्ध होते हैं 

उनके पास अपने आप यह त्रिकाल दर्शन सिद्धि  होती है जिनको सिर्फ चेहरा देख कर ही वह भूत भविष्य   वर्तमान पता लगा लेते हैं बल्कि बात करते-करते भी  बाहर चीजों को हर बातों को भांप लेते हैं समझ जाते   हैं और जान जाते हैं 


त्रिनेत्र जिस भी व्यक्ति का  जागृत होता है तो ऐसे व्यक्ति की जो सेंस होते हैं  समझने की शक्ति होती है वह आम इंसान से काफी ज्यादा  बड़ी होती है काफी ज्यादा विकसित होती है लेकिन आप यह बात ध्यान रखें कि त्रिकाल दर्शन साधना करने के  लिए इसके कुछ नियम मानना बेहद आवश्यक है 

जो आने वाले ब्लोग्स में हम इस साधना की विधि भी आपको बताएंगे और  इसकी संपूर्ण नियमों को भी आपको जरूर ही समझेंगे कि किस प्रकार यह सारी चीजें आपको करनी है लेकिन 

अगर आप चाहते हैं कि यह चीज आप में थोड़ी डेवलप हो जाए  और खुद प्रैक्टिस करना चाहते हैं तो आपको तरह तक प्रैक्टिस मैं बस इसी से आपको भूत भविष्य वर्तमान की थोड़ी-बहुत झलक अपने आप ही दिखाई देने लग जाएगी  

आपको केवल इतना करना है कि एक दीपक जलाकर रोज शाम   के समय जब सूरज ढल जाता है उस समय उस दीपक पर ओम  भूलते हुए तरह तक आपको करना है आंखें बंद करके फिर उसे अंदर ही अंदर देखना है 

यानि कि जैसे आप उस दीपक  की लौ को देखेंगे तो यही लोग बिल्कुल तीसरे नेत्र में रिकॉर्ड होती चली जाएगी लगातार कम से कम 5 से 10  मिनट तक अगर उस लौ को देखेंगे और उसके बाद आंखें बंद करेंगे तो जो घोर अंधेरा आपको दिखता था उसकी जगह अब आपको एक दिव्य प्रकाश नजर आने लग जाएगा बस फिर आपको यह करना है कि उस दिव्य प्रकाश को लगातार देखते ही चले जाना है और जैसे-जैसे वह जल होता है 

क्योंकि अपने आप ही प्रिया गोयल भी होने लग जाता है क्योंकि  बहुत सारे लोगों की शक्ति इतनी प्रबल और प्रचंड नहीं होती है कि उस दिव्य प्रकाश को पकड़ सकें तो उस  समय जब यह उधर हो जाता है दोबारा से फिर शाम को दीपक पर तरह ठप करना है

 ऐसा करने से उस व्यक्ति  में त्रिकाल दर्शन की सिद्धियां अपने आप ही लॉटरी  लग जाती है भगवान शिव ने हर एक इंसान को यह शक्ति देकर भेजा होता है लेकिन अगर खास साधना कर ली जाए  

 तो इससे इस विद्या की प्राप्ति संपूर्ण रूप से हो  जाती है तो अगर आप इस प्रकार से रोज त्राटक एक दीपक   पर करते हैं भगवान शिव की फोटो परखी एक दीपक अवश्य  जलाना है क्योंकि भगवान शिव को प्रसन्न करना उनकी  कृपा प्राप्त करना बेहद आवश्यक इस साधना के लिए  जरूरी होता है तो यह सब चीजें आपको करनी है उसके बाद आपने अपने आप ही भूत-भविष्य-वर्तमान देखने की शक्ति आने लग जाएगी आप खुद ही सभी चीजों को समझने लग जाएंगे और जो चीजें होने वाली होंगी इनके  संकेत आपको खुद ही पता लगने लग जाएंगे अब यह किसी भी  प्रकार से हो सकता है जैसे कि सपने के माध्यम से या  फिर आंखें खुली में भी आपको अपने आप ही आवाज होने लग जाएगा कि यह ऐसा होने वाला है तो बस मैं इसी को और  अधिक एडवांस लेवल पर करते हैं तो इससे क्लियर दिखता   है लेकिन इसकी झलक आपको थोड़ी-थोड़ी अवश्य ही मिलने  लग जाएगी अगर आप चाहते हैं कि इस शक्ति का इस्तेमाल   किसी सवाल को जानने के लिए आप करना चाहते हैं तो  वह भी आप कर सकते हैं

 आपको केवल इतना करना है कि बरगद का पत्ता तोड़ कर लाना है बरगद के पत्ते पर  आपको धतूरे के फल के रस से अपने सवालों को गूलर की   लकड़ी से लिखना है और इस पत्ते को फोल्ड करके अपने  तकिए के नीचे रख कर सो जाना है उसी रात उसी सवाल का   जवाब आपको निश्चित रूप से एक स्वप्न के माध्यम से सब  कुछ पता चल जाएगा इसी शक्ति को इस विधि को आप किसी   भी मृत व्यक्ति से बात करने के लिए भी इस्तेमाल कर  सकते हैं चाहे पित्त रहो या कोई भी यूनिक का कोई भी   व्यक्ति हो अब किसी से भी इस शक्ति का इस्तेमाल करते  हुए बात कर सकते हैं

 यह जितने भी जानकारी हमने आपको बताई है यह तंत्र के अंतर्गत आती है जो कि त्रिकाल दर्शन के बारे में होती है काफी लोगों ने हमसे इस  पूछा है कि भूत भविष्य और वर्तमान देखने के लिए  कृपया आप इस पर थोड़ा प्रकाश डालें तो इस ब्लॉग  में हमने आपको बताया है कि किस प्रकार यह सभी चीजे  कार्य करते हैं किस प्रकार आप अपने अंदर भी बड़ी  आसानी से इसे विकसित कर सकते हैं और थोड़ी बहुत झलक  खुद भी अवश्य देखकर प्राप्त कर सकते हैं और जैसे ही आप इस प्रयोग को करना शुरू करेंगे तो हो सकता है कि  आपको अगले दिन से ही आवास होने लगे और यह भी हो सकता है कि आपको कम से कम एक महीना लग जाए लेकिन आपको  बिल्कुल भी रोकना नहीं है क्योंकि तरह तक बिल्कुल एक प्योर साइंस है जो पूर्ण रूप से कार्य करती है 

अगर  बिल्कुल सही विधि से इसे किया जाता है तो उस व्यक्ति को निश्चित ही वह प्राप्त होता है और यह आप खुद भी  करके देख सकते हैं अभी आप एक ही का दीपक जलाकर उस  पर स्वयं त्राटक करके देखें और रात को स्वप्न में  अगर आप पहले से ही बहुत ज्यादा अधिक अध्यात्मिक हैं 

  तो अपने आप ही आपको सब कुछ दिखने लग जाएगा लेकिन  अगर आप का तीसरा नेत्र बहुत ज्यादा अच्छा हुआ है   क्योंकि ऐसा होता है कि जैसे ऐसे समय बढ़ता जाता  है थर्ड आई के आसपास पत्थर की एक छोटी सी परत जमा   होने लग जाती है जिसके कारण बहन नेत्र बिल्कुल  पूरी तरह से ब्लॉक हो जाता है और बंद हो जाता है  

तो ऐसे व्यक्ति को बिल्कुल भी कुछ दिखाई नहीं देता  है कोई अवकाश नहीं होता है तो भूत भविष्य वर्तमान   तो दूर बल्कि अपना स्वयं का क्या अभी कर रहा है वह  भी भूलने लग जाता है यही कारण है कि उसकी याददाश्त  कमजोर होने लग जाती है लेकिन अगर कोई व्यक्ति तरह  तक नित्य प्रैक्टिस करता है तो ऐसे व्यक्ति की जो  बुद्धि होती है तो बड़ी ज्यादा तीव्र हो जाती है  क्योंकि रोजाना प्रैक्टिस करने से उस का तीसरा नेत्र  पूरे प्रभाव में आने लग जाता है और जो चाहता है वह  आकर्षित करने लग जाता है लेकिन आपको यह भी बता दें   कि तीसरे नेत्र को जागृत करना सबसे ज्यादा आसान सभी  चक्रों में बताया गया है इसकी और भी ज्यादा डिटेल जानकारी हम आने वाले ब्लोग्स में आपको अवश्य ही देते  रहेंगे 

जिससे आप अपनी इस साधना को कि मैं ठीक ढंग से  कर पाएं लेकिन आज के इस ब्लॉग में जितनी जानकारी  हमने आपको पता है इसको जानकर सही से आप बोग  को   एक बार फिर से देख लें और अच्छी तरह से समझने इसी  प्रकार आप अपने अंदर त्रिकाल दर्शन की शक्तियों   को जाग्रत कर सकते हैं आशा करते हैं आपको हमारी  जानकारी पसंद आई होगी ओम नमः शिवाय हर हर महादेव


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