बुधवार, 11 अक्टूबर 2023

Garuda Purana : किस पाप के बाद किस योनि में अगला जन्म

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 गरुड़ पुराण: किस पाप के बाद किस योनि में अगला जन्म

Garuda Purana : किस पाप के बाद किस योनि में अगला जन्म

अगले जन्‍म को लेकर लोगों के मन में जिज्ञासा होती है कि वे मनुष्‍य बनेंगे या पशु, या फिर कीड़े-मकोड़े. यदि इंसान बनेंगे तो महिला के रूप में जन्‍म लेंगे या पुरुष के रूप में. इस बारे में गरुड़ पुराण में जो बताया गया है, उसे आप इस पोस्ट में आगे देखेंगे।


जो व्यक्ति पराई स्त्री से संबंध बनाता है, उसे नर्क में जाना पड़ता है। वहां उसे कई कष्ट भोगने पड़ते हैं और इसके बाद, उसे अलग-अलग योनियों में, एक के बाद एक कई जन्म लेने पड़ते हैं। वह सबसे पहले भेड़िया बनता है, फिर ...


माता पिता को कष्ट पहुंचाने वाली संतान, कछुआ की योनि में जन्म लेती है। कछुए का जीवनकाल बहुत लंबा होता है। कछुआ २०, या ३० साल नहीं जीता, बल्कि उसका जीवनकाल 200 से 300 वर्षों के बीच का होता है। यानि कि इस अपराध की सजा बेहद लंबी है।...


अगले और पिछले जन्म के बारे में जानने की उत्सुकता  अधिकांश लोगों में होती है इसे जानने के कुछ तरीके dharmpuranon में बताए गए हैं 

इस जन्म में मनुष्य  योनि मिलने का अर्थ यह नहीं है की अगला जन्म भी इसी योनि में मिलेगा क्योंकि जीवन मारन और अगला जन्म सब  कुछ कर्मों के आधार पर ही तय होता है गरुड़ पुराण में मनुष्य के हर कर्म का लिखा जो खा दिया गया है जो एन केवल उसके पाप पुण्य का निर्धारण करते हैं बल्कि मरने के बाद मिलने वाली सजा और अगले जन्म की योनि के  बारे में भी बताते हैं कई बार गलत कार्य करने वाले यह सोचते हैं की कोई उन्हें देख नहीं रहा है इसीलिए  कई बार लोग ऐसे पाप कर देते हैं जिनके गंभीर परिणाम एन केवल इस जीवन में बल्कि अगले जीवन में भी भुगतने  पड़ते हैं 


दोस्तों स्वागत है आपका हमारे website techtalk sandeep में आपसे विनती है की कमेंट बॉक्स में “जय श्री नारायण लिखकर” परमात्मा को अपना आभार व्यक्त कीजिए अगले जन्म  को लेकर लोगों के मैन में जिज्ञासा होती है की वे   मनुष्य बनेंगे या पशु या फिर कीड़ें कोड यदि इंसान  बनेंगे तो महिला के रूप में जन्म लेंगे या पुरुष के रूप में इस बारे में गरुड़ पुराण में जो बताया गया  है उसे आप इस पोस्ट में आगे पढेगे |


दोस्तों पाप कर्मों के अनुसार आपको अपने अगले जन्म में मनुष्य पेड़ पौधे कीड़े मकोड़े पक्षी सांप छछूंदर इत्यादि  योनियों में से कौन सी योनि मिलेगी यह जानने से पहले  जानना जरूरी है की


 क्या सच में पुनर्जन्म होता है   

लिए इस बात को एक उदाहरण से समझते हैं कई बार बालक  जब पैदा होता है तो उनमें किसी प्रकार का दोष होता   है कई बालक किन्नर पैदा हो जाते हैं या फिर ऐसे पैदा  होते हैं जिम कोई शारीरिक दोष होता है जैसे कोई जन्म से ही विकलांग पैदा होता है या जन्म से ही देखने में असमर्थ होता है ऐसा होने के पीछे विज्ञान अपना  तर्क देता है 



दोस्तों धर्म ग में इसके पीछे का कारण कर्म फल दोष बताया गया है क्योंकि इस जीवन में बच्चे को उसके पिछले जन्म के कर्मों के आधार पर कष्ट भोगना  तय होता है इसलिए शारीरिक असमर्थता पैदा होने के साथ ही आती है गरूर पुराण में लिखा हुआ है की पांडव  भाइयों को अलग-अलग घरों में जन्म अपने अपने कर्मों  के अनुसार मिला था गरूर पुराण में लिखा है की जब तक  शिशु मैन की कोख में रहता है तब तक उसे पिछले जन्म का सब कुछ याद रहता है उसे यह भी स्मरण होता है की  उसने पिछले जन्म में क्या-क्या कर्म किए द दुखी होकर वह जीव ईश्वर से यही प्रार्थना करता है की इस जीवन  में वह सत्कर्म करेगा और भगवान का नाम जप्त रहेगा तो जैसे ही शिशु माता के गर्भ से निकलकर इस पृथ्वी  लोक पर आता है ईश्वर की mayadwara उसकी स्मृति खत्म कर दी जाती है और वह जीव फिर से सब कुछ मोह माया में  कुछ ऐसा उलझ जाता है की परमात्मा के लिए उसके पास समय ही नहीं बचत 


गरुण पुराण में जीव के द्वारा किए  जाने वाले कई तरह के पापों और उन पापों के निमित्त जो भी सजा दी जाती हैं उसके बारे में भगवान विष्णु  ने विस्तार से बताया है जो व्यक्ति पराए स्त्री से   संबंध बनाता है उसे नर्क में जाना पड़ता है वहां उसे  कई कष्ट भोगने पड़ते हैं और इसके बाद उसे अलग-अलग  योनियों में एक के बाद एक कई जन्म लेने पड़ते हैं  वह सबसे पहले भेड़िया बनता है फिर एक कुत्ते के रूप में जन्म लेता है उसके बाद सियार फिर गिद्ध  फिर शाम फिर कौवा और अंत में बगुला बनता है इन सब   योनियों के कष्ट jhelkar उसे फिर से मनुष्य करने की  प्राप्ति होती है लेकिन जो व्यक्ति किसी स्त्री के साथ जबरदस्ती संबंध बनाता है उसे तो नर्क भोगने  और कई योनियों में जन्म लेने के बाद मनुष्य योनि  में किन्नर के रूप में जन्म मिलता है 


गरुण पुराण में  बताया गया है की जो व्यक्ति अपने बड़े भाई का अपमान करता है समाज के सामने उसे लज्जित करता है अगले जन्म  में वह व्यक्ति कौन नामक पक्षी के रूप में जन्म लेता   है इस योनि में उसे 10 वर्षों तक का कष्ट भोगना  पड़ता है उसके बाद ही उसे मनुष्य योनि प्राप्त होती है 


दोस्तों गरुड़ पुराण के अनुसार अपने सच्चे मित्र  का अपमान करने वाला गधे की योनि भोक्ता है गधे का  जीवन कल 25 से 30 वर्षों का होता है 


अब यहां आता है  कर्म फल सिद्धांत अगर आपने अपने मित्र को इतना कष्ट दिया भोगनी पड़ती है तो समझ लीजिए की 25 से 30 साल  बनकर अगले जन्म में अपने मलिक का अत्याचार सहेंगे  अगर आपका पाप क्षमा के योग्य रहा होगा तो कर्म फल  सिद्धांत के अनुसार आप गधे की योनि से जल्दी ही मुक्त होकर एक साधारण मृत्यु को प्राप्त हो जाएंगे  


माता पिता को कष्ट पहुंचने वाली संतान कछुआ की योनि  में जन्म लेती है कछु का जीवनकाल बहुत लंबा होता  है कछुआ 20 या 30 साल नहीं जीता बल्कि उसका जीवनकाल  दोस्तों से 300 वर्षों के बीच का होता है यानी की  इस अपराध की सजा बेहद लंबी है 


बंदर की योनि में वही   व्यक्ति जन्म लेता है जो अपने मलिक का विश्वसनीय  होकर अपने मलिक का विश्वास तोड़ देता है जिसका सामान्य जीवन कल 20 वर्ष का होता है 


जो  व्यक्ति अपनों से लिया हुआ धन वापस नहीं करता  या उनसे chhalpurvak धन अर्जित करता है मकोड़े की  योनि में जन्म लेता है योनियों का जीवनकाल कितना   लंबा होगा वह व्यक्ति के कर्म फल पर निर्भर करता है  

यह अहसानो को एन मानने वाला बिच्छू की योनि में जन्म लेता है दूसरों की निंदा करने वाला बुरा बर्ताव करने  वाला कीड़े मकोड़े के रूप में ही जन्म लेता है यह एक ऐसी योनि है जिसमें आप कितने भी प्रतिभाशाली  हो आपने कितना भी हुनर क्यों ना हो आपको सम्मान कभी नहीं मिलता उदाहरण के लिए एक चींटी को ही ले  लीजिए नीचे गिरती है फिर चलती है मंजिल तक पहुंचे  

 

बिना नहीं रुकती परिश्रमी होती है किसी को नुकसान  नहीं पहुंचती फिर भी मनुष्य के पैरों के नीचे आकर  मृत्यु को प्राप्त हो जाती है लिहाजा जैसा आपने अपने  पिछले जन्म में किसी और व्यक्ति के सम्मान को रोंडा  था 

अगले जन्म में उसे जीव आत्मा के साथ भी ठीक वैसा  ही होता है 


गरुण पुराण के अनुसार धन संपत्ति की चोरी  करने वाले व्यक्तियों को कीड़े मकोड़े के रूप में  जन्म मिलता है 


जो व्यक्ति चांदी के समान की चोरी  करता है वह कबूतर बनता है 


जो व्यक्ति वस्तुओं की  चोरी करता है वह तोता बनता है 

सुगंधित पदार्थ की चोरी करने वाला व्यक्ति छछूंदर के रूप में जन्म  लेता है किंतु यदि अपराध चोरी से बड़ा हो तो और  भी कष्टदाई योनि प्राप्त होती है 


जो व्यक्ति किसी की हत्या करता है तो उसे गधे की योनि में जन्म मिलता है  


उसके बाद वह हिरन की योनि में फिर मछली फिर कुत्ता  फिर बाग और अंत में मनुष्य की योनि प्राप्त होती है देवताओं और पितरों को संतुष्ट किए बिना मरने वाला  व्यक्ति 100 वर्षों के लिए कौवे की योनि में ही जन्म  लेता है 

इसीलिए पितरों के श्राद्ध करते समय कौवे को  भोजन कर कर संतुष्ट करने का महत्व एक महीने  के लिए सांप की योनि में रहने के बाद ही उसके पापों  का अंत होता है और उसे मनुष्य योनि में जन्म मिलता है

 

गरूर पुराण के अनुसार दूसरों के लिए अच्छा सोचने  वाला धर्म को मानने वाला धार्मिक ग में विश्वास रखने वाला पशुओं से प्रेम रखने वाला माता-पिता का आदर  सम्मान करने वाला अपने गुरु के द्वारा बताए गए  मार्ग पर चलने वाली जीव आत्मा स्वर्ग में जाती है  और अपने लिए मोक्ष के दरवाजे खोल लेती हैं 


हम सबको  इस धरती पर अलग-अलग योनियों में तब तक जन्म लेना  पड़ता है जब तक की हमको मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो जाती लेकिन दोस्तों यहां एक प्रश्न और उठाता  है की जब हम अपने पाप कर्मों के अनुसार नर्क की  सजा भोग लेते हैं तो पुनर्जन्म में सजा क्यों मिलती  हैं 


इस प्रश्न का उत्तर भगवान विष्णु ने पक्षीराज गरुड़ को गरूर पुराण में स्पष्ट बताया  

की कई बार जीव आत्माओं के कर्म इतने बुरे होते हैं की जीवात्मा को नर्क में या तो भोगनी पड़ती  ही है लेकिन अगले जन्म में भी इन कर्मों का बोझ धोना पड़ता है जैसे की किसी महिला के साथ दुष्कर्म  करने वाली पापी आत्मा अगले जन्म में किन्नर के रूप में पैदा होती है इसे हमारे धार्मिक ग में गर्म फल  का सिद्धांत कहा गया है यानी की जैसी करनी वैसी ही भरनी इस कर्म फल सिद्धांत के अनुसार अगर पाप बड़ा है  तो सजा लंबी मिलेगी और अत्यंत दुखदाई भी होगी और यदि  पाप कर्म सामान्य हैं तो सजा भी कम होगी 


दोस्तों  अब आपको भी समझ ए गया होगा की मनुष्य योनि कितनी दुर्लभ है इसलिए यदि आप पुनः मनुष्य की योनि में  जन्म लेना चाहते हैं या जीवन मृत्यु के इस कर्म चक्र से निकलना चाहते हैं तो इस जन्म में अच्छे कर्म और ईश्वर की भक्ति करें 


दोस्तों आपको इन योनियों से डरने की जरूरत नहीं है यदि आप अपने विवेक से अच्छे कर्म करेंगे ईश्वर का संस्मरण एवं आभार व्यक्त करेंगे तो आपको इन योनियों से नहीं गुजरना  होगा 


दोस्तों आशा करते हैं की आपको हमारी यह कोशिश पसंद आई होगी 


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