UPI ने कैसे बदला भारत का भाग्य । INDIA के UPI से अमेरिका, चाइना क्यों है परेशान? (How UPI changed the fate of India. Why is America, China upset with India's UPI?)
हैलो! दोस्तों मैं हूं संदीप और स्वागत मेरी वेबसाइट TechTalk sandeep में। और , आज के इस आर्टिक में हम शेयर करने वाला हूँ कि UPI ने भारत में वीज़ा और मास्टरकार्ड को कैसे खत्म किया? | कैसे UPI ने भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में क्रांति ला दी? और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा विकसित एक तत्काल वास्तविक समय भुगतान प्रणाली है जो अंतर-बैंक सहकर्मी से सहकर्मी और व्यक्ति-से-व्यापारी लेनदेन की सुविधा प्रदान करती है। और यूपीआई इंडिया में कब और कैसे आया,कैश ट्रांजैक्शन से इंडियन गवर्नमेंट को क्या प्रॉब्लम थी।,यूपीआई का लॉन्च कब और क्यों किया गया ?,UPI सक्सेसफुल का क्या कारण है? इसके लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें आपकी सारी सवाल की जवाब मिल जाएगा
UPI ने भारत में वीज़ा और मास्टरकार्ड को कैसे खत्म किया? | कैसे UPI ने भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में क्रांति ला दी?
दोस्तों क्या आपको पता है कि इंडिया आज लार्जेस्ट रियल टाइम पेमेंट मार्केट बन चुका है। जहां लास्ट ईयर 2021 के अंदर इंडिया में टोटल 48 बिलियन प्लस सीरियल टाइम हुआ था और दोस्तों भारत की इस अचीवमेंट के पीछे जिस चीज का योगदान सबसे अहम रहा है इंडिया का अपना यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेयर, यूपीआई (UPI) पेमेंट सिस्टम एमसी आप में से मैक्सिमम लोग आज भी ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त यूपीआई का यूज सबसे ज्यादा करते होंगे क्योंकि इसने ट्रांजैक्शंस को बहुत ही सिंपल और फास्ट बना दिया।
यूपीआई आज भारत को इस मुकाम पर ले गया है जहां चीन अमेरिका और साउथ कोरिया जैसे देश भी हमसे डिजिटल ट्रांजेक्शन के फील्ड में काफी पीछे रह गए हैं और इंडिया में यूपीआई की सक्सेस को देखते हुए अब दुनिया के दूसरे देश भी इसे अपनाने की कोशिश में है।
इनफैक्ट गूगल ने अमेरिका के फेडरल रिजर्व बोर्ड को यह सजेस्ट किया है। अमेरिका को भी भारत की यूपीआई जाता कोई रियल टाइम पेमेंट सिस्टम डेवलप करना चाहिए। लेकिन दोस्तों अब आपके मन में यह सवाल आता होगा कि भारत में यूपीआई की शुरुआत हुआ क्यों थी और यह पेमेंट सिस्टम किस प्रकार से वीजा और मास्टर कार्ड से अलग क्यों है। और अमेरिका व चीन जैसे देश हमारे यूपीआई सिस्टम से घबराए क्यों है?
यूपीआई इंडिया में कब और कैसे आया (When and how did UPI come to India?
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दोस्तों इस सारे सवालों के जवाब किस पोस्ट में जाने वाले हैं तो चलिए पोस्ट को शुरू करते हैं। दोस्तों सबसे पहले बात करते हैं कि यूपीआई इंडिया में कब और कैसे आया और भारत को आखिर यह न्यू पेमेंट सिस्टम क्रिएट करने की जरूरत क्यों पड़ी। दोस्तो यूपीआई के आने से पहले भारत में डिस्टल ट्रांजैक्शन लगभग ना के बराबर होते थे। हालांकि हमारे देश में कार्ड बेस्ट पेमेंट सिस्टम और इंटरनेट बैंकिंग बहुत पहले से मौजूद है। तभी एनपीसीआई ने 2012 में रुपए कार्ड को लांच किया था जिससे कार्ड बेस्ट ट्रांजैक्शन। अंबर बढ़ सके। लेकिन इस सबके बावजूद भी इंडिया में डिस्टर्ब ट्रांजैक्शन को नहीं अपना रहे थे। दोस्तों आरबीआई के डाटा के कोडिंग तक 2011 में ऑन इन एवरेज भारत का हर एक व्यक्ति सिर्फ छह नॉन कैश ट्रांजैक्शन किया करता था जबकि उस समय भारत के एक करोड़ से ज्यादा रिटेलर कार्ड बेस्ट पेमेंट एक्सेप्ट करने लगे थे। इसका सीधा मतलब यह था कि कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग जैसे पेमेंट सिस्टम लोगों के लिए इसलिए एक्सेसिबल नहीं थी जिसके चलते ज्यादातर लोग अपनी ट्रांजैक्शन कैश में ही करना। प्रिफर कर रहे थे।
कैश ट्रांजैक्शन से इंडियन गवर्नमेंट को क्या प्रॉब्लम थी। (What was the problem with the Indian government with cash transactions?)
दोस्तों कैश ट्रांजैक्शन से इंडियन गवर्नमेंट को मिली दो प्रॉब्लम थी।
पहली
तो यह कि इससे लोगों के लिए टेक्स्ट चोरी करना बहुत आसान हो जाता था क्योंकि कैश ट्रांजैक्शन को ट्रैक करना पॉसिबल नहीं है।
दूसरा
यह कि इससे हमारे इन्वायरमेंट पर काफी नेगेटिव इफ़ेक्ट पड़ता है क्योंकि करेंसी नोट बहुत आसानी से हटकर खराब हो जाते हैं और ए से में आरबीआई को नए नोट जारी करने पड़ते हैं। और दूसरी चीज भारत के ग्रीन इंडिया इनीशिएटिव के बिल्कुल अगेंस्ट थे। ऐसे में इन प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने और digital India प्रमोट करने के लिए भारत को एक नए इंडीजीनस पेमेंट सिस्टम की जरूरत पड़े ।
यूपीआई का लॉन्च कब और क्यों किया गया ?
दोस्तों इसी पर पास को फुल फील करने के लिए 2016 में एनपीसीआई ने UPI को लंच कर दिया। दोस्तों आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि यूपीआई दूसरे डिजिटल पेमेंट से अलग कहते हैं और उसके बेनिफिट क्या है। इसे समझने से पहले हमें जाना होगा। यूपीआई पेमेंट सिस्टम आखिर काम कैसे करता है।
दोस्तों मान लो, आप को ही दवा लेने के लिए एक मेडिकल स्टोर पर जाते हो जिसका प्राइस ₹200 का भी पेमेंट आप अपने गूगल पर ऐप के थ्रू करते हो,
जिसमें आपने अपना एसबीआई का अकाउंट ऐड कर रखा है। तो यहां पर एसबीआई इस्यूइंग बैंक कहलायेगा और गुगलेपे एक पेयर ऐप होगा जिसे हम पेयर पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर इन पीएसपी भी कहते हैं।
UPI पेमेंट NPCI का क्या रोल है। (What is the role of UPI Payment NPCI?)
दोस्त को आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि यूपीआई पेमेंट एनपीसीआई का बहुत बड़ा रोल है। दरअसल, एनपीसीआई एक non-profit ऑर्गेनाइजेशन है और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर मतलब गूगल पर और बैंक के बीच में जो भी डाटा ट्रांसफर हो रहा है, उसको एनपीटीआई ई वेरीफाई करता है। मतलब एनपीसीआई एक मेडिटर की तरह काम करता है। ठीक वैसे ही जैसे कार्ड भेज ट्रांजैक्शन में बीता और मास्टर कार्ड को कंप्लीट करने के लिए अपने गूगल पर ऐप में यूपीआई पिन को सबमिट करोगे तो एनपीसीआई इवनिंग बैंक से मतलब आपके एसबीआई अकाउंट से ₹200 काटने का रिक्वेस्ट करेगा। दोस्तो इस रिक्वेस्ट को फुल फील करने से पहले ही आपका बैंक की चेक करता है कि आपके अकाउंट में ट्रांजैक्शन करने के लिए एन एस फंड है की नहीं।
और अगर आपके अकाउंट में पैसा कम है तो ट्रांजैक्शन उसी समय डिक्लाइंड हो जाएगा। ओथरवाइज बैंक आपके अकाउंट से ₹200 डेबिट करके इसकी डिटेल्स एनपीसीएल को फॉरवर्ड कर देता है। अब तो मान लेते हैं। मर्चेंट का बैंक अकाउंट एचडीएफसी बैंक में है तो यहां पर एसटीएफ की एक रिसीविंग बैंकों का अब एनपीसीआई उस ₹200 की पेमेंट डिटेल के NPCI पास जाता है और ₹200 को मर्चेंट के अकाउंट में क्रेडिट करने का रिक्वेस्ट करेगा। इसके बाद दोस्तों रिसीविंग बैंक उस ₹200 को एक्सेप्ट करके इंफॉर्मेशन एनपीसीआई को वापस फॉरवर्ड कर देगा। इसके बाद एनपीसीआई एटीट्यूट डिटेल पैर पीएसपी यानी गूगल पर को फॉरवर्ड करता है और उसे डिटेल के बेसिस पर फोन पे पेमेंट होने का सक्सेस होने का मर्चेंट के फोन में पेमेंट रिसीव होने का नोटिफिकेशन आ जाता है और दोस्तों इस तरह यह यूपीआई ट्रांजैक्शन कंप्लीट हो जाता है।
दोस्तों भारत में हो रहे हैं डिस्टर्ब ट्रांजैक्शन में करीब 60% शेयर यूपीआई का है जहां हर महीने ऑन एवरेज 800000 करोड रूपए की ट्रांजैक्शन सिर्फ यूपी के थ्रू हो रहे हैं और दोस्तों एनपीसीआई के डाटा के कोडिंग फाइनेंसियल ईयर 2021 से 2022 के अंदर यूपीआई ने एक ट्रिलियन डॉलर के नंबर को क्लोज कर दिया और एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस साल यह नंबर इससे भी कहीं ज्यादा बड़ा होने वाला है।
लोग UPI Id का सुझाव क्यों देते हैं। (Why people suggest UPI I'd)
अब दोस्तों ऐसे में सवाल आता है कि यूपीआई में आखिर ऐसी क्या खास बात है जिसके आने से इंडिया की डिस्टल पेमेंट मार्केट में इतना बड़ा बदलाव आ गया और दूसरे पेमेंट सिस्टम कैसे बैंकिंग कार्ड ,मोबाइल वॉलेट और इंटरनेट बैंकिंग की जगह UPI प्रिफर लोगो क्यों रहे हैं।
UPI सक्सेसफुल का क्या कारण है? (What is the reason for UPI successful?)
दोस्तों UPI के सक्सेस पीछे कई अलग-अलग रीजन हैं और उसका पहला रीजन यह है कि जो कि यूपीआइ के थ्रू पेमेंट काफी सिंपल फास्ट हो जाता है l फॉर एग्जांपल अगर आप यूपीआई की जगह कार्ड का यूज करते हैं तो पहले तो आपको अपना कार्ड नंबर एक्सपायरी डेट की बीवी और कार्ड होल्डर नाम इंटर करना पड़ता है। और फिर इसके बाद आपके फोन पर एक ओटीपी आता है। इसे सबमिट करने के बाद ही आप की ट्रांजैक्शन कंप्लीट हो पाती है।
जबकि दोस्तों यूपीआई के थ्रू एटीएम ट्रांजैक्शन सेकंड में करसकते हैं। क्योंकी दोस्तो इसमें इतनी सारी डिटेल्स नहीं भरनी पड़ती है। और दोस्तों अभी हाल ही में आरबीआई ने यूपीआई 123पे नाम की एक नई सर्विस को ऐड किया है जिसकी हेल्प बिना कोई इंटरनेट की भी यूपीआई पेमेंट को कर सकेंगे। इसके अलावा दोस्तों यूपीआई का सबसे बड़ा बेनिफिट है। इसका इंट्रॉपरेबल होना
UPI 123पे क्या है ? UPI 123 Pay से पेमेंट कैसे करे? यूपीआई 123पे के रजिस्ट्रेशन कैसे करें। बिना इंटरनेट के पेमेंट कैसे होता है।
इसका इंट्रॉपरेबल होना मान लूं कि आप गूगल पे एप का यूज करते हो लेकिन जिस मर्चेंट को पेमेंट करना चाहते हो। उसका क्यूआर कोड पेटीएम का है तो ऐसे में यूपीआई सिस्टम आपको यह फ्रीडम देता है कि आप किसी UPI आईडी के ज़रिए आप किसी दूसरी कंपनी की UPI एप पर बिना किसी परेशानी के पेमेंट कर सकते हैं। इसके लिए आपको किसी पार्टी कूलर ऐप मे नहीं बन्धन पड़ता। इसके अलावा एनपीसीआइ ने सिस्टम, कस्टमर और मर्चेंट दोनों के लिए बिल्कुल फ्री रखा है। यानि यूपी के थ्रू पैसा ट्रांसफर या रिसीव करने पर कोई भी चार्ज नहीं लगते हैं और इसके सक्सेसफुल होने का एक बहुत बड़ा रीजन है।
कार्ड बेस्ट पेमेंट सिस्टम फेल क्यों हुआ।
दरअसल दोस्तों कार्ड बेस्ट पेमेंट सिस्टम में मर्चेंट को हर एक ट्रांजैक्शन पर 3.5% तक का एमडीआरटी फि चुकाना पड़ता है। अब इंडिया में जहां छोटे व्यापारियों का प्रॉफिट मार्जिन केवल 5 से 10 परसेंट है, उसमें वह 3.5% का एमडीआरसी फि भला कैसे एफोर्ड कर सकते हैं, लेकिन आज की बदौलत भारत का छोटा से छोटा व्यापारी भी डिजिटल पेमेंट सिस्टम को ऐड ऑफ कर पाया।
दोस्तों यूपीआई सिस्टम की एक खासियत यह भी है कि यह टेक्नोलॉजी हाय लिस्ट। इंक्रिप्शन बहुत ही स्ट्रांग साथी यूपीआई की हर एक ट्रांजैक्शन में टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का यूज किया जाता है। अब तो यह जानने की कोशिश करते हैं। अमेरिका और चाइना जैसे देश को हमारी यूपीआई पेमेंट सिस्टम से प्रॉब्लम क्यों है? असल में दोस्त को इंडिया में यूपीआई की सक्सेस ने दुनिया के बड़े-बड़े देशों को अट्रैक्ट किया है और बहुत सारे देश अब हमारी यूपीआई को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं। इन सिंगापुर ,भूटान ,मलेशिया और यूं ही जैसे कई देशों में यूपीआई आईडी ऑल रेडी इंटर कर चुका है।
गूगल ने अमेरिका को UPI क्यों सजेस्ट कर रहा है। (Why is Google suggesting UPI to America?
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और साथ ही एनपीसीआई इस पेमेंट सिस्टम, रसिया और ऑस्ट्रेलिया ले जाने की तैयारी में है। तो दोस्तों इतने ही नहीं। यूपीआई की सक्सेस को देखते हुए गूगल ने अमेरिका को यह सजेस्ट किया है। उन्हें भी यूपीआई जैसा कोई पेमेंट सिस्टम डेवलप करना चाहिए। लेकिन दोस्तों इसकी पॉसिबिलिटी बहुत कम है कि USA इसे एडोटेड करेगा क्योंकि अमेरिका की ऑलरेडी स्विफ्ट नामक डिस्ट्रिक्ट पेमेंट सिस्टम है ! इसके जरिए दुनिया भर में इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन किए जाते हैं और आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन में शिफ्ट की मोनोपोली है। दोस्तों स्विफ्ट के थ्रू होने वाले पर बैंक से एक अच्छी खासी एक्सचेंज फि रिचार्ज करते हैं। लेकिन आज भारत का यूपीआई टेक्नोलॉजी आने वाले समय में स्विफ्ट का अल्टरनेटिव बन सकता है और दोस्तों इसीलिए अमेरिका यूपी थ्रेट की तरह दिखता है। ऐसा ही हाल हमारे पड़ोसी देश चाइना का भी है। दरअसल चाइना रसिया यूक्रेन वार का फायदा उठाकर अपने ओनियन पे को रूस स्टाइलिश करना चाहता है। लेकिन चीन को यह अच्छी तरह मालूम है कि यूपीआई टेक्नोलॉजी से लेकर इंटरव्यूज तक हर एक चीज में ओनियन पे पैसे कहीं बेहतर है। और चुकी इंडिया भी यूपीआई को रूस में ले जानें की प्लानिंग कर रहा है। ऐसे में दोस्तों चीन को यह डर है कि यूपीआई उसके यूनियन पेपर भारी ना पड़ जाए। वैसे दोस्तों आने वाले समय में यूपीआई इंडियन इकॉनमी को स्ट्रांग बनाने में सबसे बड़ा गेम चेंजर साबित होने वाला है और दोस्तों इसी तरह अगर आप जानना चाहते हैं कि इंडिया में और मास्टर कार्ड को खत्म कर दिया तो click बटन पर क्लिक करके पोस्ट को देख सकते हैं। बाकी आज के लिए बस इतना ही।
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