जिंदगी में कभी भी हर नहीं मानोगे - Buddhist Story On NEVER GIVE UP
जिंदगी में कभी भी हर नहीं मानोगे - Buddhist Story On NEVER GIVE UP :- इस कहानी को थोड़ा ध्यान से सुनिए क्योंकि यह कहानी आपकी जिंदगी बदलने वाली है एक समय की बात है महात्मा बुद्ध के सबसे प्रिय और करीबी शिष्य आनंद एक बार कहीं जा रहे थे
तभी रास्ते में उन्होंने देखा कि एक अधे उम्र का व्यक्ति एक चट्टान के ऊपर बैठकर रो रहा है यह देखकर आनंद वही रुक गए और उस व्यक्ति के पास जाकर उसके दुखी होने का कारण पूछा वह व्यक्ति अपने आंसू पहुंचते हुए बोला मैं नहीं पास के ही गांव का रहने वाला एक बदनसीब व्यापारी हूं मैं जो भी काम करता हूं वही बिगड़ा जाता है व्यापार के चक्कर में मैंने अपनी मां और पत्नी के गहने गंवा दिए अपने परिवार को खो दिया और यहां तक कि अब तो मेरा घर और खेत भी गिर भी मुझे तो लगता है कि मेरी किस्मत ही खराब है
उस व्यक्ति की बात सुनकर आनंद बोले तुमसे किसने कहा कि तुम्हारी किस्मत खराब है जरा मैं भी तो जानू कि तुम्हारी किस्मत में क्या खराबी है व्यक्ति बोला पहले मैं खेती करता था लेकिन हर साल उसमें घाटा होता था कभी सूखा पच जाता तो कभी ज्यादा बारिश से फसल खराब हो जाए कभी आवारा पशु फसल को नुकसान पहुंचाते तो कभी कीड ढे मकोड़े और बीमारियां फसल को बर्बाद कर देते हैं खेती से मेरे परिवार का गुजारा ठीक से नहीं चल पा रहा था जिससे परेशान होकर मैंने खेती करना छोड दिया
व्यापार करने का निश्चय किया मैंने पत्नी के गहने बेचकर अपना व्यापार शुरू किया लेकिन मेरा व्यापार नहीं चला शुरू शुरू में तो मेरे परिवार वालों ने मेरी आर्थिक मदद की मेरा साथ दिया लेकिन जैसे-जैसे मुझे नुकसान होने लगा मेरे परिवार वालों ने भी मेरा साथ छोड़ दिया और मुझसे दूर हो गए अब तो वह मुझे देखकर अपनी नजरें फेर लेते हैं और मुझे ही अपने परिवार की गरीबी और दुर्दशा का जिम्मेदार ठहराते हैं
अब तो मुझे अपना जीवन ही बोझ लगने लगा है अक्सर मेरे मन में ख्याल आते हैं कि अपना जीवन ही खत्म कर लूं और मैं आज यहां आत्महत्या करने ही आया था लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाया इसीलिए इस पत्थर पर बैठकर रो रहा हूं
दूसरी तरफ मेरा एक मित्र है हम दोनों ने एक ही साथ व्यापार शुरू किया था लेकिन वह आगे बढ़ गया और मैं पीछे रह गया मेरी इस असफलता की वजह से वह हर समय मुझे नीचा दिखाने का प्रयत्न करता रहता है और वे अक्सर मेरे घर आकर अपनी सफलता की बातें करता है मेरे घर वालों को बताता है कि कैसे उसने कड़ी मेहनत करके इतना बढा व्यापार कर लिया और वह अक्सर अपने फलते फूलते व्यापार के किस्से मुझे मेरी पत्नी और मेरे मां-बाप को सुनाता रहता है जिसे सुनकर मेरे घर वाले उसकी तो प्रशंसा करते हैं
लेकिन मेरी बुराई करते हैं मुझे नाकारा और कम दिमाग का कहते हैं मेरी पत्नी और मां मुझे बात बात पर ताने मारती है जिससे मुझे बहुत दुख पहुंचता है और कई बार खुद की नाकामयाब पर क्रोध भी आता है
लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं यह सुन भिक्षु आनंद ने पूछा तुम्हें किस बात का का दुख होता है अपने असफल होने का या फिर मित्र के सफल होने का सवाल सुनकर वह व्यक्ति एक पल के लिए सोच में फिर बोला अगर सच कहूं तो मुझे अपने असफल होने का उतना दुख नहीं होता जितना कि मित्र के सफल होने का होता है
भिक्षु आनंद ने अगला प्रश्न किया अगर तुम्हारा मित्र व्यापार में असफल हो जाता और तुम सफल हो जाती तो क्या तुम खुश होते व्यक्ति ने कहा हां मुझे बहुत खुशी होगी
आनंद बोले इसका मतलब कि तुम्हारी खुशी तुम्हारी मित्र पर निर्भर करती है अगर वह चाहे तो तुम्हें खुश कर सकता है और अगर वह चाहे तो तुम्हें दुखी भी कर सकता है तुम स्वयं से ना तो खुश हो सकते हो और ना ही दुखी हो सकते हो भिक्षु की बातें सुनकर व्यक्ति थोड़ी देर के लिए सोच में पट गया और फिर बोला आपकी बातें सुनकर मुझे कुछ आशा बन रही है
तभी भिक्षु आनंद ने कहा जब हम किसी से आशा बांध लेते हैं तो उस पर निर्भर हो जाते हैं फिर हमारी खुशी और दुख भी उसी पर निर्भर करने लगते हैं इसीलिए सबसे बेहतर है कि तुम स्वयं सी आशा बांध जब तुम ऐसा करोगे और साथ ही पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम करोगे तो तुम्हें सफलता अवश्य प्राप्त होगी तुम्हें लगता है कि तुम्हारा मित्र तुम्हें नीचा दिखाने आता है दुखी करने आता है पर अगर ईमानदारी से विचार करो तो वह बातें तो सच्ची ही कहता है वह अपने संघर्ष और अनुभव की बातें बताता है तुम उन बातों से बहुत कुछ सीख स सते हो तुम्हें तो इसके लिए उसका धन्यवाद करना चाहिए कि तुम्हें घर बैठे इतने सारे अनुभव मिल रहे हैं तुम अनुभवों का लाभ उठाओ नई शुरुआत करो ईमानदारी से कर्म करते जाओ हार मत मानो एक दिन तुम्हें सफलता जरूर मिलेगी
आज तुम जिसे अपना पूरा वक्त हो या बुरी किस्मत कह रहे हो एक दिन यह बदल जाएगी और इसी के साथ तुम्हारी सोच और विचार भी बदल जाएंगे और देखना जब तुम्हारा अच्छा समय शुरू हो जाएगा तब तुम्हारा मित्र भी तुम्हें अपनी सफलताओं की कहानियां नहीं सुनाएगा तुम्हें अपनी असफलताओं और परेशानियों की बातें सुनाई देगा
ताकि तुम उसकी बातें सुनकर भ्रमित हो जाओ तुम्हारा आत्मविश्वास डगमगा जाए और तुम गलत निर्णय ले सको लेकिन उस समय भी तुम्हें अपने ही बुद्धि का प्रयोग करना होगा स्वयं पर विश्वास रखना हो जिस प्रकार तुम्हारा मित्र आज तुम्हें दुखी करने आता है वैसे ही वह उस समय भी तुम्हें दुखी करने आएगा
क्योंकि जिस तरह उसे दुखी देखकर तुम्हें म आता है ठीक उसी तरह उसे भी तुम्हें दुखी देखने में उतना ही मजा आता है
व्यक्ति ने कहा आपने सही कहा मुनिवर लेकिन मेरा सबसे बधा दुख यह है कि मेरे परिवार के लोग भी इसमें शामिल हैं वास्तव में मैं तो अपने परिवार के लिए अच्छा करना चाहता था उन्हें खुश रखना चाहता था लेकिन वह भी मेरी बातों और भावनाओं को नहीं समझ रही है मुझे ही गलत कहते हैं और पिछले कुछ समय से तो वह मेरे साथ भी नहीं है
भिक्षु आनंद ने उस व्यक्ति को समझाते हुए कहा हम हमेशा चाहते हैं कि हम जो कुछ भी करें लोग उसके लिए हमारी प्रशंसा करें
लेकिन आमतौर पर ऐसा नहीं होता लोग हमारे पास आकर तारीफ नहीं करते जिससे हम दुखी हो जाते हैं हमें लगने लगता है कि हमारे मित्र रिश्तेदार घर वाले सब स्वार्थी है लेकिन अगर तुम किसी को अपना परिवार मानते हो और उसके लिए कुछ करना चाहते हो तो फिर तुम ऐसा क्यों सोचते हो कि तुम दूसरों के लिए कुछ कर रहे हो वास्तव में तुम अपनी खुशी के लिए कुछ कर रहे हो
क्योंकि उन्हें खुश देखकर तुम खुशी होती है अगर ऐसा करते समय तो मानकर चलते हो कि तुम दूसरों के लिए कुछ कर रहे हो तो तुम दुखी रहोगे लेकिन अगर तुम्हें लगता है कि तुम स्वयं के लिए कर रहे हो तो तुम खुश रहोगे
क्योंकि जब हम स्वयं के लिए कुछ करते हैं या करना चाहते हैं तो हमें इसके लिए सांत्वना की जरूरत नहीं पड़ रहती भिक्षु आनंद की यह बातें सुनकर उस व्यक्ति के चेहरे के भाव पूरी तरह से बदल गए उसने कहा आप सही कह रहे हैं मैं समझ गया कि अब तक मेरी किस्मत इसीलिए खराब थी क्योंकि वह दूसरों के हाथों में थी लेकिन अब से मैं अपनी किस्मत को अपने हाथों में रखूंगा फिर से प्रयत्न करूंगा पूरी लगन और ईमानदारी से काम करूंगा और जब तक सफलता नहीं मिल जाती है चयन से नहीं बैठूंगा
उस व्यक्ति की बात सुनकर आनंद मुस्कुराए और उसे एक छोटी सी डिबिया देते हुए कहा इस डिबिया को हमेशा अपने साथ रखना इसमें एक ऐसा मंत्र है जो तुम्हें बढे से बढे दुख से भी बाहर निकाल लेगा
लेकिन इस डिबिया को तभी खोलना जब तुम्हारे सारे रास्ते बंद हो जाएंगे कोई उम्मीद नजर ना आए और तुम्हें लगने लगे कि सब व्यर्थ है यह दुनिया व्यर्थ है और यहां रहना भी व्यर्थ है व्यक्ति ने भिक्षु का धन्यवाद किया और उस डिबिया को लेकर अपने घर वापस आ गया उसने नए उत्साह के साथ दोबारा अपने व्यापार की शुरुआत की और इस बार उसका व्यापार चल पाड दहा अपनी मेहनत और लगन के बल पर बस कुछ ही सालों में वह एक बड्डा व्यापारी बन गया उसके परिवार वाले भी उसके साथ आ गए और उसका जीवन बहुत ही सुख शांति और समृद्धि के साथ बीतने लगा लेकिन समय और किस्मत के खेल को आज तक ना कोई समझ पाया है और ना कोई समझ पाएगा यह सदा एक जैसा नहीं रहता यह बदलता रहता है उस व्यक्ति के जीवन में भी बदलाव आया वही व्यक्ति जिस राज्य में रहता था उस राज्य पर पोसी राज्य के राजा ने हमला कर दिया उस हमले और लूटमार में उस व्यक्ति का सारा धन भी लूट लिया गया उसके दुकाने और घर सब जला दिए गए जान बचाने के लिए उसे अपने परिवार के साथ वहां से भागना पड़ा व्यक्ति अपने परिवार के साथ कई दिनों तक इधर-उधर भटकता रहा वह दाने-दाने को मोहताज हो गया उसका बच्चा बीमार हो गया और इलाज के अभाव में बीमारी से बुरी तरह रहने लगा यह देखकर उसका हृदय चित्कार कर उठा उसके पास अपने बेटे के इलाज और परिवार को खिलाने के लिए धन के नाम पर एक सिक्का भी नहीं था
वह अंदर से बुरी तरह से टूट गया ऐसे में उसे एक बार फिर से निराशा नहीं घेर लिया उसे लगने लगा कि उसका जीवन व्यर्थ है सारी दुनिया व्यर्थ है लेकिन तभी अचानक उसे भिक्षु आनंद द्वारा दी गई डिबिया की याद आई उसने बी उत्सुकता के साथ उसे खोला उस डिबिया के अंदर एक पर्ची रखी हुई थी उस पर्ची पर कुछ लिखा हुआ था उस पर्ची को उसकी आंखों के सामने छाया हुआ निराशा का अंधेरा छट गया और वह एकदम से मुस्कुरा उठा उस पर्ची पर लिखा था यह वक्त भी गुजर जाएगा
दोस्तों यह कहानी हमें सिखाती है कि समय के खेल को समझना संभव है यह हमेशा बदलता रहता है इसीलिए बुरी परिस्थितियों में हमें अत्यधिक निराश नहीं होना है आत्मविश्वास बनाए रखना है क्योंकि समय बदलता जरूर है आज बुरा है तो कल अच्छा भी जरूर आएगा बाकी अगर यह कहानी आपको अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी और कहानी सुनने के लिए techtalk sandeep मिलते हम आपसे ऐसी ही एक और प्रेरणादायक कहानी के साथ अगले दिन धन्यवाद
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